Nano DAP Uses in Hindi | नैनो डीएपी का प्रयोग कैसे करें? | 3 Best Way to Choose How to use Nano DAP

Nano DAP Uses in Hindi – यहाँ आपको जानकारी मिलेगी कि नैनो पार्टिकल क्या है? नैनो डीएपी क्या है? नैनो डीएपी कैैैसे कार्य करता है? नैनो डीएपी का डोज क्‍या है? नैनो डीएपी का प्रयोग कैसे करें? DAP का उपयोग कब करना चाहिए? आदि की जानकारी। भारत में खाद बनाने वाली प्रमुख सहकारी कंपनी इफको (IFFCO) और कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड द्वारा बनाए जाने वाले नैनो डीएपी की संपूर्ण जानकारी।तो आइए जानते हैं-

Nano DAP Uses in Hindi
Nano DAP के उत्‍पाद

नैनो और नैनो पार्टिकल क्या है?

नैनो पार्टिकल– आईएसओ/बीआईएस के परिभाषा के अनुसार, कोई भी कण जिसका आयाम या Dimension कम से कम 1 नैनो मीटर से लेकर 100 नैनो मीटर के बीच हो नैनोपार्टिकल कहलाता है जहाँ 1 नैनोमीटर या 1nm , 1 मीटर के 1000000000 वें भाग या हिस्से के बराबर होता है जिसे 1nm=10-9 m के रूप में लिखते हैं । (सामान्य शब्दों में 1 नैनोमीटर, 1 मीटर के 1 बिलियन टुकड़े या हिस्से के बराबर होता है)

जैव सुरक्षा पर वर्तमान में DBT (Department of Biotechnology) के दिशा निर्देशों के अनुसार आयाम (Dimension) बढ़ाने के प्रभाव के कारण यदि वस्तु या सामग्री के गुण में बेहतर गुणवत्ता आती है तो इस डाइमेंशन या आयाम को 1000 नैनोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है।

नैनो डीएपी क्या है?

नैनो डीएपी डाई अमोनियम फास्फेट (DAP=Di Ammonium Phosphate) का तरल रूप है, अर्थात यह ठोस या पावडर रूप में न होकर तरल या लिक्विड(Liquid) रूप में होता है। अभी तक सामान्यतः किसानों को यह पाउडर-गोलियों के रूप में पीले रंग की बोरी में पैक करके उपलब्ध कराया जाता था जो अब बोतल में पैक करके तरल रूप में उपलब्ध कराया जाएगा।

सामान्य बोरी वाले डीएपी में 18 % नाइट्रोजन और 46 % फास्फोरस होता है जबकि इफको के नैनो डीएपी में 8 % नाइट्रोजन और 16 % फास्फोरस होता व कोरोमंडल के ग्रोमोर नैनो डीएपी में 2 % नाइट्रोजन और 5 % फास्फोरस होता है। यह रसायन पौधों के अंदर नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी को पूरा करता है जो बोरी या बैग वाले डीएपी की तुलना में काफी अच्छा होता है।

नैनो डीएपी कैसे कार्य करता है?

नैनो डीएपी पौधों में भोजन बनाने के प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण में इस गतिविधि को सुविधाजनक बनाने के लिए क्लोरोफिल में फास्फोरस की महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करता है। नैनो डीएपी में पॉलिमर एनकैप्सुलेटेड डीएपी (Polymer Encapsulated DAP) के कण होते हैं जो नैनो आकार (100 नैनोमीटर से भी कम आकार) के होते हैं। इन नैनो आकार के कणों को एक जलीय घोल में निलंबित कर दिया जाता है जिसे घोलने के बाद पौधे की पत्तियों पर स्प्रे किया जाता है।

 ये नैनो कण पौधों की त्वचीय छिद्रों या रंध्रों के माध्यम से पौधे में प्रवेश करते हैं और फिर एंडोसाइटोसिस (Endocytosis) के माध्यम से कोशिका झिल्ली में प्रवेश करते हैं। एक बार कोशिका के अंदर, नैनो डीएपी कण घुसने के बाद यह फॉस्फोरस को धीरे-धीरे छोड़ते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रकाश संश्लेषण के लिए क्लोरोफिल में फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध होता रहे। 

चूँकि प्रकाश संश्लेषण के लिए फॉस्फोरस की आवश्यकता बहुत कम होती है। नैनो DAP के माध्यम से आपूर्ति की जाने वाली छोटी मात्रा मिट्टी से दिए जाने वाले सामान्य बोरी वाले डीएपी की आपूर्ति की तुलना में किसी भी प्रकार से कम नहीं होती और यह सामान्य बोरी वाले डीएपी की कमी को पूरा करता है।

Nano DAP Uses in Hindi – फसल और डोज

क्रफसल का नामबीज उपचार का डोजफसल पर स्‍प्रे का डोज और समय
1धान, मक्‍का, गेहूं, बाजरा, मिलेट आदिबीज उपचार हेेेतु 3-5 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज
जड़ उपचार हेतु 3-5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर
2-4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर
कल्‍ले निकलते समय
या
अंकुरण के 30-35 दिन बाद
या
रोपाई के 20-25 दिन बाद
2अरहर, चना, मूुंंग, उड़द, कुल्‍थी आदिबीज उपचार हेेेतु 3-5 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज 2-4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर
शाखा निकलते समय
या
अंकुरण के 30-35 दिन बाद
3 सरसों, मूंगफली,सुरजमुखी, सोयाबीनबीज उपचार हेेेतु 3-5 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज 2-4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर
शाखा निकलते समय
या
अंकुरण के 30-35 दिन बाद
4आलू, प्‍याज, लहसून, मटर, बीन, गोभीवर्गीय फसलसीधी बुवाई वाले सब्‍जी में बीज उपचार हेेेतु 3-5 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज
रोपड़ वाले सब्‍जी में जड़ उपचार हेतु 3-5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर
2-4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर
अंकुरण के 30-35 दिन बाद
या
रोपाई के 20-25 दिन बाद
5गन्‍नाजड़ उपचार हेतु 3-5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर2-4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर
प्रारंभिक कल्‍ले निकलते समय
या
रोपाई के 45-60 दिन बाद
6कपास बीज उपचार हेेेतु 3-5 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज2-4 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर
शाखा निकलते समय
या
अंकुरण के 30-35 दिन बाद
Nano DAP Dose

नैनो डीएपी के स्प्रेयर में प्रयोग करने की विशेषता-

नैनो डीएपी 250ml से 500ml प्रति एकड़ स्प्रे करने हेतु पर्याप्त होता है। सबसे विशेष बात यह है कि नैनो डीएपी में प्रति एकड़ पानी की मात्रा स्प्रेयर के प्रकार पर निर्भर करती है।जैसे-

  • नैपसेक स्प्रेयर – सामान्यतः 150-200 लीटर पानी प्रति एकड़
  • बूम स्प्रेयर या पावर स्प्रेयर – 100-150 लीटर पानी प्रति एकड़
  • ड्रोन स्प्रेयर – ड्रोन से स्प्रे करने पर 250 से 500 ml नैनो डीएपी को 10 से 20 लीटर के ड्रोन की टंकी में मिलाकर प्रयोग करने पर एक एकड़ हेतु स्प्रे करने के लिए पर्याप्त होता है।

नैनो डीएपी की क्या विशेषता है?

  • Nano DAP (तरल) में सतह क्षेत्र से आयतन के संदर्भ में अत्यधिक लाभदायक है क्योंकि इसके कण का आकार 100 नैनोमीटर से भी छोटा होता है।
  • इसका अद्वितीय गुण इसे बीज के अंदर प्रवेश होने में आसान बनाता है और पत्तियों में स्टोमेटा व अन्य छिद्र के माध्यम से प्रवेश के लिए आसान बनाता है। नैनो डीएपी बायोपॉलीमर और एक्सिपिएंट्स के साथ कार्य करता है।

नैनो डीएपी का कृषि में महत्व-

  • इससे पूर्व जैसे नैनो यूरिया (तरल) के माध्यम से एक बोरी यूरिया को एक बोतल में पैक करके दिया जाना प्रारम्भ किया गया वैसे ही अब एक बैग डीएपी को भी एक बोतल के रूप में किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। यूरिया के बाद डीएपी देश में सबसे ज्यादा प्रयोग किए जाने वाला या खपत होने वाला खाद है। इसके महत्व को देखते हुए आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में यह भारत सरकार का अच्छा कदम है कि उसने नैनो डीएपी के उत्पादन को मंजूरी दे दी है।
  • इसके उत्पादन से पूर्व इसे ट्रायल के रूप में अलग-अलग फसलों पर प्रयोग किया गया था जो काफी सफल रहा है। भारत में डीएपी की वार्षिक खपत में 10 से 12.5 मिलियन टन होती है जबकि उत्पादन मात्र 4 से 5 मिलियन टन होती है बाकी डीएपी की मात्रा आयात करके पूरी करनी पड़ती है। नैनो डीएपी के उत्पादन से आयात की यह मात्रा काफी कम हो जाएगी।
  • पौधों को वृद्धि करने के लिए पोषक तत्वों की अत्यंत आवश्यकता होती है और यह भी उपलब्ध रूप में हो तभी पौधों के लिए लाभदायक होता है।अधिकांश पोषक तत्व पौधे आयन के रूप में ग्रहण करते हैं। इन पोषक तत्वों को नैनो पॉलीमर कैप्सूल या नैनो क्ले सामग्री या अन्य नैनो टेंप्लेट में फँसाकर नैनो उर्वरक जैसे -नैनो यूरिया या नैनो डीएपी को तैयार किया जाता है और यह पौधों को आसानी से उपलब्ध रूप में प्राप्त हो जाता है जो बोरी या बैग वाले उर्वरक प्रयोग से काफी बेहतर होता है।
  • पारंपरिक उर्वरकों जैसे-बैग वाले यूरिया या डीएपी के मामले में कम पोषक तत्व उपयोग दक्षता (NUE- Nutrient Use Eficiency) लीचिंग, फिक्सेशन और वाष्पीकरण के परिणामस्वरूप पोषक तत्वों की हानि होती है। दूसरी ओर नैनोकणों को जड़ों या रंध्रों के माध्यम से संपूर्ण रूप में लिया जाता है। इसलिए यदि इन नैनो कणों को पोषक तत्वों से पूर्ण करके दिया जाता है तो यह एक ही बार में मिट्टी में दिए जाने वाले बैग वाले डीएपी प्रयोग की तुलना में नैनो पोषक तत्वों का कोई नुकसान नहीं होता है। छोटे आकार और उच्च सतह क्षेत्र के कारण, नैनो उर्वरकों को पौधों द्वारा रंध्रों के माध्यम से और बिना नुकसान के ग्रहण किया जाता है।नैनो डीएपी में न्यूट्रिएंट यूज एफिशिएंसी 90% है जिससे यह 90 प्रतिशत तक अपने पोषक तत्त्वों को पौधों को प्रदान करता है।

नैनो डीएपी के लाभ

  • नैनो डीएपी तरल फार्मूलेशन में होता है जो पौधों को फास्फोरस और नाइट्रोजन की उपलब्धता को सुनिश्चित करता है।
  • इसमें नाइट्रोजन और फॉस्फोरस का एक निश्चित अनुपात होता है जो फसल के वृद्धि और फूल आने के लिए उपयुक्त होता है।
  • नैनो डीएपी अनाज वाली फसल , तिलहनी फसल , दलहनी फसल , फल और सब्जियों के साथ प्याज, कपास, गन्ना आदि सहित सभी फसलों के लिए उपयुक्त होता है।
  • यह रासायनिक उर्वरक के उपयोग के मात्रा को कम करता है।
  • यह वातावरण के अनुकूल है।कोई बुरा प्रभाव नहीं करता।
  • इसको स्‍टोर करना और परिवहन करना आसान है।

नैनो डीएपी का उपलब्ध पैक साइज –

IFFCO Nano DAP पैक साइज -500 ml , Coromandel Gromor Nano DAP पैक साइज -1 L

Nano DAP का उपयोग कब करना चाहिए?

Nano DAP का दो छिड़काव या स्प्रे करना चाहिए, पहला स्प्रे वानस्पतिक अवस्था (Vegetative Growth Stage) में जब फसल बुवाई या रोपाई किए हुए 4-5 सप्ताह हो जाए और दूसरा स्प्रे फसल में फूल आने की अवस्था से पहले (Before Flowering) उपयोग करना चाहिए।

FAQ -[आइए इसे भी जानें]

नैनो डीएपी क्या है?

नैनो डीएपी डाई अमोनियम फास्फेट (DAP=Di Ammonium Phosphate) का तरल रूप है, अर्थात यह ठोस या पावडर रूप में न होकर तरल या लिक्विड(Liquid) रूप में होता है।  अभी तक सामान्यतः किसानों को यह पाउडर-गोलियों के रूप में पीले रंग की बोरी में पैक करके उपलब्ध कराया जाता था जो अब बोतल  में पैक करके तरल रूप में उपलब्ध कराया जाएगा।
सामान्य बोरी वाले डीएपी में 18 % नाइट्रोजन और 46 % फास्फोरस होता है जबकि इफको के नैनो डीएपी में 8 % नाइट्रोजन और 16 % फास्फोरस होता व कोरोमंडल के ग्रोमोर नैनो डीएपी में  2 % नाइट्रोजन और 5 % फास्फोरस होता है। यह रसायन पौधों के अंदर नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी को पूरा करता है जो बोरी या बैग वाले डीएपी की तुलना में काफी अच्छा होता है।

नैनो डीएपी का प्रयोग कैसे करें?

नैनो डीएपी का प्रयोग बीज उपचार के लिए तो करते ही है इसे गन्ना फसल में या सब्जी फसल में जड़ उपचार के साथ ही खड़ी फसल में पर्ण या पत्तियों में स्प्रे के लिए प्रयोग करते हैं। Nano DAP का दो छिड़काव या स्प्रे करना चाहिए, पहला स्प्रे  वानस्पतिक अवस्था (Vegetative Growth Stage) में जब फसल बुवाई या रोपाई किए हुए 4-5 सप्ताह हो जाए और दूसरा स्प्रे फसल में फूल आने की अवस्था से पहले (Before Flowering) उपयोग करना चाहिए।

नैनो यूरिया और यूरिया में क्या अंतर है?

नैनो यूरिया तरल रूप में होता है जबकि पारंपरिक रूप से प्रयोग किया जाने वाला यूरिया जो बोरी में आता है वह दानेदार और सफेद रंग का होता है। नैनो तकनीक से उत्पादित नैनो यूरिया जो तरल रूप में होता है पारंपरिक यूरिया की तुलना में काफी सस्ता व पर्यावरण के लिए सुरक्षित होने के साथ बोतल में होने के कारण परिवहन में आसानी होता है जबकि पारंपरिक यूरिया के परिवहन में लागत बहुत अधिक आता है । नैनो यूरिया (तरल) में नाइट्रोजन की मात्रा 500 ml की एक बोतल में 40,000 मिलीग्राम/लीटर नाइट्रोजन की मात्रा होती है, जो पारम्परिक सामान्य यूरिया के एक बोरी के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्त्व फसलों को प्रदान करता है। फसलों पर इसका उपयोग पारंपरिक यूरिया की आवश्यकता को न्यूनतम 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है।

नैनो यूरिया का छिड़काव कब करना चाहिए?

नैनो यूरिया को फसल के सक्रिय विकास के चरणों में दो बार उपयोग किया जा सकता है। पहला स्प्रे/छिड़काव फसल के अंकुरण के 30 दिन बाद (कल्ले निकलते समय/ शाखाएं बनते समय) और दूसरा स्प्रे/छिडक़ाव पहले छिड़काव के 20 से 25 दिन बाद या फसल में फूल आने से पहले करना चाहिए।

पौधों में डीएपी डालने से क्या होता है?

डीएपी में नाइट्रोजन और फास्फोरस का कॉम्बिनेशन होने के कारण ये पौधों को लंबे समय तक पोषक तत्वों की आपूर्ति करते हैं। डीएपी पौधों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डीएपी उर्वरक तिलहनी और दलहनी फसलों के लिए अत्यधिक महत्‍वपूर्ण है। यह तिलहनी व दलहनी फसल को पुष्ट बनाता है।

नैनो डीएपी कैसे खरीदें?

नैनो डीएपी को IFFCO BAZAR के वेबसाइट से खरीद सकते हैं या नजदीकी सहकारी समिति में जाकर खरीद सकते हैं। इसके अलावा कोरोमंडल का ग्रामाेेर नैनो डीएपी भी खरीद सकते हैं।

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