Halosulfuron Methyl 75 WG Uses in Hindi | गन्‍ना मक्‍का हेेेतु Unique खरपतवारनाशक Sempra

Halosulfuron Methyl 75 WG Uses in Hindi – Halosulfuron Methyl 75 WG जो मार्केट में Sempra , Elaan, Decakill आदि ट्रेड नाम से उपलब्ध है।यहाँ आपको मिलेगी इस खरपतवारनाशक का परिचय, नियंत्रित होने वाले घास के नाम, किन-किन फसलों में उपयोग कर सकते हैं इसकी पूरी जानकारी।

आसानी से पढ़ें

Halosulfuron Methyl 75 WG Uses in Hindi
Halosulfuron Methyl 75 WG के उत्पाद

Halosulfuron Methyl 75 WG क्या है?

Halosulfuron Methyl 75 WG घुलनशील दानेदार रूप में पाया जाने वाला एक चयनात्‍मक, प्रणालीगत व अंकुरण पश्‍चात् (Selective, Systemic & Post Emergent) गन्‍ना और मक्‍का फसल में प्रयोग किया जाने वाला खरपतवारनाशक है। यह Sulfonyl Urea वर्ग का खरपतवारनाशक है।

Dhanuka का Sempra क्‍यों है खास-

गन्‍ना और मक्‍का फसल में मुख्‍य खरपतवार जो मोथा है और इसकी गंभीरता को देखते हुए Halosulfuron Methyl 75 WG फार्मुलेशन में भारत में लाया गया सबसे पहला खरपतवारनाशक “सेम्‍प्रा” है जिसे “धानुका एग्रीटेक लिमिटेड” कम्‍पनी द्वारा लाया गया है।धानुका के सेम्‍प्रा में एक मजबूत प्रणालीगत क्रिया पाया जाता है जिसमें यह जायलम और फ्लोएम दोनों के माध्‍यम से गति करता है और यही इसे खास बनाता है।ऐसा होने से यह जड़ और पत्‍ती दोनों के माध्‍यम से अवशोषित होकर पौधे के शरीर के अंतिम छोर तक पहुंचता है।

जड़ से अवशोषित होने पर जायलम के माध्‍यम से उपर की ओर पत्‍ती तक और यदि पत्‍ती से अवशोषित होता है तो फ्लोएम के माध्‍यम से जड़ तक पहुँचता है।इस प्रकार मोथा का प्रभावी नियंत्रण होता है जो इसे दूसरे खरपतवार से अलग बनाता है।

सेम्‍प्रा” का विस्तृत मूल्यांकन विभिन्न संस्थाओं व विश्वविद्यालयों द्वारा किया गया है और इनके द्वारा इसे अनुशंसित भी किया गया है। इनमें से कुछ संस्थाएं व विश्वविद्यालय निम्न हैं-

  • Vasantadada Sugar Institute (Maharashtra)
  • Tamil Nadu Agricultural University
  • Regional Research Station (Haryana Agricultural University, Hisar)
  • Agricultural Research Station (University of Agricultural Sciences , Dharwad)
  • U.P. Council of Sugarcane Research
  • Narendra Deva University of Agriculture & Technology, Faizabad (UP)

इसके अतिरिक्त “सेम्‍प्रा” अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कुछ देशों में पंजीकृत है, जैसे-भारत, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, मेक्सिको, ब्राजील, कोलॉम्बिया और दक्षिण अफ्रीका आदि।

Halosulfuron Methyl 75 WG कैसे कार्य करता है?

Halosulfuron Methyl 75 WG को मक्‍का या गन्‍ना फसल में खरपतवार के अंकुरण के पश्‍चात् (3 से 5 पत्‍ती की अवस्‍था) में स्‍प्रे किया जाता है तो यह खरपतवार के पौधों के पत्तियों और जड़ द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है और मजबूूत प्रणालीगत क्रिया द्वारा जायलम और फ्लोएम दोनों के माध्‍यम से गति करते हुए जड़ और पत्‍ती के अंतिम छोर तक पहुँच जाता है। यहाँ पहुँचकर यह खरपतवार में अमिनो अम्‍ल (Valin, Isoleucine, Lucine) के निर्माण को रोक देता है जिससे चयापचय (Metabolism) रूक जाता है।

चयापचय रुकने से पत्तियां पीली पड़ जाती हैं और मोथा घास के नट गहरे रंग के होकर सुख जाते हैं। ऐसा होने में 14 से 30 दिन तक लगते हैं।

Halosulfuron Methyl 75 WG एक Acetolactate Synthase (ALS) Inhibiting खरपतवारनाशक है जो Acetohydroxyacid Synthase (AHAS) एंजाइम को रोकने का काम करता है जिसे पूर्व में Acetolactate Synthase (ALS) एंजाइम बोला जाता था। यह Acetohydroxyacid Synthase (AHAS) Enzyme पौधों में और कई सूक्ष्‍मजीवाें में शाखायुक्‍त श्रृंखलावाले अमिनो अम्‍ल (Branched Chain Amino Acids-BCAAs) के जैवसंश्‍लेषण में भाग लेता है।

पत्तियों व जड़ों द्वारा अवशोषित Halosulfuron Methyl 75 WG के कारण उपरोक्‍त एसिटोलैक्‍टेट सिंथेज (ALS) एंजाइम की गतिविधि पूरी तरह से बाधित हो जाती है जिसके फलस्‍वरूप चयनात्‍मक रूप से केवल खरपतवार या लक्षित पौधोें में अमिनो अम्‍ल का निर्माण नहीं हो पाता इसके साथ ही प्रकाश संश्‍लेषण, श्‍वसन तंत्र और परिवहन तंत्र को भी यह बाधित कर देता है। ALS की गतिविधि रुकने से पौधे में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और परिणामस्वरूप मोथा घास मर जाता है।

मक्का और गन्ना Halosulfuron Methyl 75 WG से क्यों नहीं मरते जबकि ये भी घास कुल के पौधे हैं-

मोथा घास मर जाता है जबकि इसके दूसरी तरफ घास कुल के फसल जैसे मक्का और गन्ने में एक मजबूत MFO (Mixed Function Oxidase) क्रिया होता है जो “Halosulfuron Methyl 75 WG” खरपतवारनाशक के मॉलिक्यूल (Molecule) को Acid Metabolite फॉर्म में तोड़ देता है जिससे इसका कोई असर मक्का और गन्ना फसल में नहीं होता है और न ही मरता है।

Halosulfuron Methyl 75 WG Uses in Hindi – फसल का नाम , नियंत्रित घास और डोज-

क्र फसल खरपतवार/घास का नामडोज प्रति एकड़ (ग्राम)प्रति लीटर पानी में Halosulfuron Methyl 75 WG की मात्रा (ग्राम) पानी की मात्रा (लीटर/एकड़)वेटिंग पीरियड (दिन में)
1गन्‍नामोथा 360.24150294
2मक्‍कामोथा 360.2415045
Halosulfuron Methyl 75 WG Dose

टेबल में दिए गए प्रति लीटर पानी में Halosulfuron Methyl 75 WG की मात्रा (ग्राम में) की गणना प्रति एकड़ अनुशंसित पानी की मात्रा के आधार पर निकाली गई है। सामान्‍यत: देखा गया है कि किसान प्रति एकड़ पानी की मात्रा कम कर देते हैं और खरपतवारनाशक की की मात्रा को प्रति लीटर पानी के आधार पर बढ़ा देेेते हैं।

नोट:- कृृृृपया खरपतवारनाशक प्रयोग से पूर्व पैकिंग में दिए गए लीफलेट को पढ़ें व दिए गए दिशानिर्देश का पालन करें। खरपतवारनाशक का प्रयोग करने के बाद पैकिंग को सुरक्षित तरीके से निपटान करें ताकि पर्यावरण व जल प्रदूूूषण को रोका जा सके। खरपतवारनाशक के प्रयोग में हमेशा Flood Jet Nozzle या Flat Fan Nozzle का प्रयोग करना चाहिए।

Halosulfuron Methyl 75 WG उत्‍पादित करने वाले कम्‍पनी व उनके ट्रेड नाम-

क्र.कम्‍पनीPyrazosulfuron Ethyl 10 WP का ट्रेड नाम
1DhanukaSempra
2Bharat Cerrtis Agriscience LtdElaan
3Nichino India Pvt LtdDecakill
Pyrazosulfuron Ethyl 10 WP उत्‍पादक कम्‍पनी व उत्‍पाद

बाजार में उपलब्‍ध Halosulfuron Methyl 75 WG का पैक साइज-

3.6 gm, 18 gm, 36 gm

Halosulfuron Methyl 75 WG का प्रयोग कब और कैसे करना चाहिए

1.मक्का फसल में

Halosulfuron Methyl 75 WG का प्रयोग मक्का बुवाई के बाद 14 से 21 दिन में करना चाहिए।

2.गन्ना फसल में

गन्ना फसल में चाहे नई फसल हो या पेड़ी की फसल हो खरपतवार (मोथा) के उगने के बाद 3 से 5 पत्ती अवस्था मे करना चाहिए। इसके प्रयोग करने के बाद लगभग 14 से 30 दिन में मोथा घास की पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं और इसके नट भी गहरे रंग के होकर नष्ट हो जाते हैं या पुनः अंकुरण की क्षमता खो देते हैं।

Halosulfuron Methyl 75 WG के उपयोग में ध्‍यान देने वाली मुख्‍य बातें

  1. खरपतवार के अंकुरण के पश्‍चात् प्रयोग करना चाहिए।
  2. इसकी बहुत ही कम मात्रा 36 ग्राम प्रति एकड़ अनुशंसित है जिसे 150 लीटर पानी में घोलकर देना है।इस मात्रा को ध्यान में रखते हुए उपयोग करना है, अधिक मात्रा में देने पर मुख्य फसल मक्का और गन्ने पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
  3. Halosulfuron Methyl 75 WG को किसके साथ मिलाकर प्रयोग कर सकते हैं – इसे पानी में घोलकर स्प्रे के रूप में प्रयोग करना है। अधिक प्रभावी बनाने के लिए Adhesive जिसे किसान “चिपको” कहते हैं , मिला सकते हैं। Atrazine खरपतवारनाशक का प्रयोग इसके साथ मिलाकर मोथा के अतिरिक्त अन्य खरपतवार को मारने के लिए कर कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे केवल मक्का फसल में मिलाकर प्रयोग करें, गन्ना फसल में Atrazine के साथ मिलाकर प्रयोग नहीं करना है।

Halosulfuron Methyl 75 WG प्रयोग करने के लाभ-

  • इसके प्रयोग से 24 घंटे के अंदर मोथा में पोषक तत्वों का अवशोषण रुक जाता है जिससे मुख्य फसल गन्ना और मक्का को पोषक तत्वों के लिए प्रतिस्पर्धा नहीं करना पड़ता। जिसके परिणाम स्वरूप फसल स्वस्थ और फसल की बढ़वार अच्छी होती है।
  • इसका रेसीडुअल इफेक्ट लंबे समय तक रहता है जिसके कारण नए उगने वाले मोथा को भी नहीं उगने देता और खेत को मोथा से मुक्त रखता है।
  • मोथा घास नष्ट करने के लिए लेबर पर होने वाले खर्च को बचाता है और फसल उत्पादन लागत को कम करने में सहायता करता है।

FAQ (आइए इसे भी जानें)

Halosulfuron Methyl 75 WG dose

Halosulfuron Methyl 75 WG dose
1.मक्‍का फसल में- 3.6 gm दवा प्रति टंकी या 15 लीटर पानी में मिलाकर 150 लीटर पानी प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करना चाहिए।

2.गन्‍ना में- गन्‍ना फसल में भी 3.6 gm दवा प्रति टंकी या 15 लीटर पानी में मिलाकर 150 लीटर पानी प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करना चाहिए।

What is the use of Halosulfuron methyl 75% WG?

Halosulfuron methyl 75% WG का प्रयोग मक्‍का और गन्‍ना फसल में मोथा घास मारने के लिए प्रयाेेग किया जाता है। इसके प्रयोग से मोथा घास 14 से 30 दिन में नट सहित मर जाता है। ( नट जो जड़ में गॉठ की तरह होता है और बीज का काम करता हैै)

मक्‍का फसल में प्रयोग करने के लिए सेेेेेम्‍प्रा (Sempra) से बेहतर खरपतवानाशक कौन है जो मोथा को भी मारे

मक्‍का फसल में प्रयोग करने के लिए सेेेेेम्‍प्रा (Sempra) से बेहतर खरपतवानाशक धानुका कम्‍पनी का ही कॉर्नेक्‍स (Cornex) है जिसमें हैलोसल्‍फूरॉन की मात्रा 5 प्रतिशत के साथ ही एट्राजीन भी 48 प्रतिशत होता है जिससे मोथा घास के साथ अन्‍य संकरी और चौड़ी पत्‍ती वाले खरपतवार भी मर जाते हैं।

ऐसे ही अन्‍य खरपतवारनाशक/ Herbicide के बारे में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

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