मक्का में घास मारने की दवा | मक्का में खरपतवार नाशक दवा 2023 में जानें एक से बढ़कर एक Powerful दवा के बारे में

मक्का में घास मारने की दवा के बारे में किसान तभी से सोचने लगते हैं जब वे खेत में मक्के की बुवाई करने की सोचते हैं। मक्का में घास मारने की दवा के बारे में जानना इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि इसके बिना किसान अच्छा उत्पादन प्राप्त नहीं कर सकता जिससे अच्छी आमदनी भी प्राप्त नहीं होगी। यहां पर हम आपको बताने वाले हैं कि मक्का में घास मारने की दवा कौन-कौन सी प्रयोग होती हैं और इसके केमिकल नाम व ट्रेड नाम या व्यावसायिक नाम क्या हैं ।

मक्का में घास मारने की दवा
मक्का में घास मारने की दवा के नाम

एक शोध के अनुसार मक्‍का बुवाई के बाद दुसरे से तीसरे सप्‍ताह के बीच खरपतवार नियंत्रण करने से मक्‍के से इष्टतम (Optimum) उत्‍पादन प्राप्‍त किया जा सकता है।

खरपतवार नाशक दवा में प्रचलित टर्म

मक्का में घास मारने की दवा का नाम जानने से पहले आपको कुछ चीजों को पूर्व में समझना होगा और ये चीज है आगे इस्तेमाल होने वाले टर्म जो खरपतवारनाशक दवा में प्रयोग किया जाता है।जैसे-

अंकुरण पूर्व (Pre-emergent)

यह वह दवाई होती है जो खरपतवार या घास के अंकुरण के पूर्व प्रयोग किया जाता है। इसका तात्पर्य हुआ कि इसे प्रयोग करने के लिए फसल बुवाई के बाद 3 दिन के अंदर प्रयोग करना चाहिए जब सामान्यतः फसल बीज के साथ खरपतवार भी अंकुरण नहीं किए रहते हैं। ऐसे खरपतवार नाशक दवा अंकुरित होते हुए घास पर क्रिया करते हैं।

अंकुरण पश्चात (Post-emergent)

ये वो दवाई होते हैं जिनका प्रयोग खरपतवार के अंकुरण के बाद प्रयोग किया जाता है। सामान्यतः ऐसे खरपतवार नाशक दवा का प्रयोग फसल बुवाई के 18 से लेकर 23 दिन के मध्य किया जाता है इतने दिनों में खरपतवार 30 सेंटीमीटर तक बढ़ चुके रहते हैं।सामान्यतः ऐसे खरपतवार नाशक दवा घास या खरपतवार में पत्तियों के माध्यम से अवशोषित होते हैं और प्रकाश संश्लेषण को बाधित कर पूरे घास को मारने का काम करते हैं।

व्यापक स्पेक्ट्रम (Broad Spectrum)

यह वे दवाई होती हैं जो एक निश्चित फसल के लिए तो प्रयोग किए जाते हैं लेकिन यह सभी प्रकार के घासों को मारने का काम करते हैं चाहे वह सँकरी पत्ती वाले हो या चौड़ी पत्ती वाले। यह किसी में भेदभाव नहीं करते हैं उन सभी को मार कर नष्ट करते हैं।

चयनात्मक (Selective)

ये वे दवाई होते हैं जो किसी निश्चित फसल या फसलों के लिए सुरक्षित होते हैं लेकिन अन्य के लिए नहीं ऐसे दवाई को चयनात्मक (Selective) कहते हैं।

मक्का में घास मारने की दवा

यहाँ पर हम आपको मक्का में घास मारने की दवा का मुख्य रूप से केमिकल नाम बताएंगे और साथ ही कुछ फेमस ट्रेड नाम भी बताएंगे जो आपके आसपास की दुकानों में आसानी से उपलब्ध हो जाएंगी जिसका नाम बताकर आप दुकानदार से आसानी से वह दवाई खरीद सकते हैं। तो आइए चलते हैं बिना देरी किए हुए इस ओर-

1. Atrazine 50% WP (एट्राजिन 50% WP)

मक्का में घास मारने की दवा का नाम जब हम लेते हैं तो सबसे पहले इसी का नाम होता है। मक्का को जब वृहद स्तर पर उगाया जाने लगा और घास मारने की आवश्यकता होने महसूस होने लगी क्योंकि लेबर कॉस्ट बहुत आने लगा उसे रोकने के लिए घास मारने की दवाई अति आवश्यक थी जिसे मक्का में घास मारने की दवा के रूप में इसका इस्तेमाल सबसे पहले होने लगा। यह बाजार में सोलारो 50, एट्राहिट , नेयोजिन , अटारी , श्रीजोन , एट्राटॉफ , पैरिजाइन आदि ट्रेड नाम से दुकान में उपलब्ध हो जाता है। यह कई स्थानों पर प्रतिबंधित दवाई भी है।

प्रयोग विधि व समय – इसे पानी में घोलकर मक्का बुवाई के बाद 3 दिन के अंदर स्प्रे के रूप में प्रयोग करना चाहिए। स्प्रे करते समय पीछे की ओर चलना चाहिए जिससे बनने वाली लेयर न टूटे।

प्रयोग मात्रा – इसे 2 से 4 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करना चाहिए और 1 एकड़ में स्प्रे करने के लिए 200 लीटर पानी का प्रयोग करना चाहिए। 16 लीटर वाले नैपसेक स्प्रेयर में 15 लीटर पानी में 30 से लेकर 60 ग्राम दवा मिलाकर प्रयोग करना चाहिए।

2. Tembotrione 34.4% SC (टेम्बोट्रॉयन 34.4 % SC)

कुछ वर्षों से इसका प्रयोग बहुत अधिक बढ़ गया है और मार्केट में यह लौडिस , यूटोरी , हस्तार , तंबोला , ट्रिम्बो , टोरी आदि नाम से आसानी से मिल जाएगा। आजकल टोरी जो Insecticide India Limited (IIL) कंपनी का है उसका बाजार में गुब्बारा शो हो रहा है जो एक नायाब तरीका है अपने प्रोडक्ट के प्रचार-प्रसार हेतु।

प्रयोग विधि व समय – इसे पानी में घोलकर मक्का बुवाई के बाद 20 से 30 दिन के मध्य पृृृष्‍ठ सक्रियकारक (Surfactant) मिलाकर स्प्रे के रूप में प्रयोग करना चाहिए।

प्रयोग मात्रा – इसे 0.57 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करना चाहिए और 1 एकड़ में स्प्रे करने के लिए 200 लीटर पानी का प्रयोग करना चाहिए। 16 लीटर वाले नैपसेक स्प्रेयर में 15 लीटर पानी में 8.55 मिलीलीटर दवा मिलाकर प्रयोग करना चाहिए।

3. Halosulfuron Methyl 75% WG

यदि आपके मक्का फसल में केवल मोथा घास की अधिकता हो और आप उसे नष्ट करना चाहते हों तो यह दवाई आपके लिए सर्वोत्तम विकल्प है। यह मार्केट में आपको Sempra (सेम्प्रा) Elaan (एलान) , Decakill (डेकाकिल) आदि ट्रेड नाम से मिल जाएगा।

प्रयोग विधि व समय – इसे पानी में घोलकर मक्का बुवाई के बाद 14 से 21 दिन के मध्य स्प्रे के रूप में प्रयोग करना चाहिए।

प्रयोग मात्रा – इसे 0.24 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करना चाहिए और 1 एकड़ में स्प्रे करने के लिए 150 लीटर पानी का प्रयोग करना चाहिए। 16 लीटर वाले नैपसेक स्प्रेयर में 15 लीटर पानी में 3.6 ग्राम दवा मिलाकर प्रयोग करना चाहिए।

4. Halosulfuron Methyl 5% + Atrazine 48% WG

यदि आपके मक्का फसल में मोथा घास के साथ अन्य खरपतवार भी उग आया हो तो इससे बेहतरीन दवाई आपको नहीं मिलेगी। इसे आप मार्केट में कॉर्नेक्स (Cornex) नाम से माँग सकते हैं जो धानुका कंपनी द्वारा उत्पादित है। हैलोसल्फ़्यूरॉन के साथ एट्राजिन का संयोजन इसे बेहतरीन बनाता है।

प्रयोग विधि व समय – इसे पानी में घोलकर मक्का बुवाई के बाद 3 दिन के अंदर स्प्रे के रूप में प्रयोग करना चाहिए।

प्रयोग मात्रा – इसे 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करना चाहिए और 1 एकड़ में स्प्रे करने के लिए 150 लीटर पानी का प्रयोग करना चाहिए। 16 लीटर वाले नैपसेक स्प्रेयर में 15 लीटर पानी में 45 ग्राम दवा मिलाकर प्रयोग करना चाहिए।

5. Topramezone 33.6% SC (टोप्रामेजोन 33.6% SC)

यदि आप मक्का फसल में घास मारने की दवाई प्रयोग करते हुए हार चुके हैं और आपके अनुसार रिजल्ट प्राप्त न हो रहा हो तो आप इसे अंतिम रामबाण की तरह प्रयोग कर सकते हैं। यह कठोर और नियंत्रित न होने वाले चौड़ी पत्‍ती वाले खरपतवार के साथ सँकरी पत्‍ती वाले घासों को भी मारने का काम करता है। इसे आप मार्केट में टिंजर (Tynzer) , इलाइट (Elite) और गिलार्डो (Gilardo) ट्रेड नाम से माँग सकते हैं।

प्रयोग विधि व समय – इसे पानी में घोलकर मक्का बुवाई के बाद खरपतवार या घास के अंकुरण पश्चात जब चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार 2 से 3 पत्ती की अवस्था में हों और सँकरी पत्ती वाले घास 2 से 3 इंच की ऊँचाई के हो जाएं तब स्प्रे के रूप में प्रयोग करना चाहिए।

प्रयोग मात्रा – इसे 0.20 से 0.26 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करना चाहिए और 1 एकड़ में स्प्रे करने के लिए 150 लीटर पानी का प्रयोग करना चाहिए। 16 लीटर वाले नैपसेक स्प्रेयर में 15 लीटर पानी में 3 से 4 मिलीलीटर दवा मिलाकर प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ में Adjuvant 2 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी और PS II Inhibitor को 3.33 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से प्रयोग करना चाहिए।

6. Mesotrione 2.27%+Atrazine 22.7% SC

इसे भारत का सबसे पहला प्रिमिक्स खरपतवार नाशक माना गया है। इसमें दो तत्वों का आपस में सहयोग करने वाला कॉम्बिनेशन इसे बेस्ट बनाता है। यह मार्केट में सिंजेंटा कंपनी का कैलेरिस एक्स्ट्रा (Calaris Xtra) और पारिजात कंपनी का उरुमी (Urumi) नाम से उपलब्ध है।

प्रयोग विधि व समय – इसे पानी में घोलकर मक्का बुवाई के बाद खरपतवार जब 2 से 4 पत्ती अवस्था में आ जाएं तब स्प्रे के रूप में प्रयोग करना चाहिए। इसका एक स्प्रे खरपतवार नियंत्रण के लिए पर्याप्त होता है।

प्रयोग मात्रा – इसे 7 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करना चाहिए और 1 एकड़ में स्प्रे करने के लिए 200 लीटर पानी का प्रयोग करना चाहिए। 16 लीटर वाले नैपसेक स्प्रेयर में 15 लीटर पानी में 105 मिलीलीटर दवा मिलाकर प्रयोग करना चाहिए।

ऐसे ही अन्‍य खरपतवारनाशक/ Herbicide के बारे में पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

उपरोक्‍त में से कोई भी एक मक्‍का में घास मारने की दवा जो आपको प्रयोग करना हो उसके बारे में विस्‍तार से जानने के लिए यहाँ पर पढ़ें –

  1. Atrazine 50% WP (एट्राजिन 50% WP)
  2. Tembotrione 34.4% SC (टेम्बोट्रॉयन 34.4 % SC)
  3. Halosulfuron Methyl 75% WG
  4. Halosulfuron Methyl 5% + Atrazine 48% WG
  5. Topramezone 33.6% SC (टोप्रामेजोन 33.6% SC)
  6. Mesotrione 2.27%+Atrazine 22.7% SC

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